अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ बिहार प्रदेश जनता दल यू के अध्यक्ष सलीम परवेज पर लगे गंभीर आरोप,जिनके खराब रवैये से पार्टी की प्रतिष्ठा हो रही है धूमिल
हाजीपुर(वैशाली)बिहार प्रदेश जनता दल यू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष एवं बिहार विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज बिच्छू स्वभाव के व्यक्ति हैं जो डंक मारने से बाज़ नहीं आते।पहले तो वह दिलफरेब बातें कर व सब्ज़ बाग़ दिखाकर लोगों को अपने क़रीब करते हैं और उनकी योग्यता और क़ाबिलियत का लाभ उठाते हैं मगर जब काम निकल जाता है तो बड़ी ही अय्यारी के साथ दोषारोपण कर भगाने की कोशिश करते हैं और दूध की मक्खियों की तरह उसे निकाल बाहर फेंक देते हैं यह इनकी पुरानी आदत है।विदित हो कि यह वही सलीम परवेज़ हैं जो कभी पसमांदा मुस्लिम महाज़ में शामिल होने,छपरा जिलाध्यक्ष बनने के लिए एड़ियां रगड़ रहे थे।जब पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी इसके अध्यक्ष हुआ करते थे।संयोग से एक समय ऐसा भी आया जब महाज़ के लोगों ने देखा कि अली अनवर अंसारी सांसद बनने के बाद पिछड़े समुदायों को भूल गए हैं और उनके कल्याण पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं तो महाज़ की कार्यकारणी समिति की एक बैठक में उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला लिया गया।इसका बाज़ाब्ता एलान प्रसिद्ध पत्रकार इर्शादुलहक़, हेसामुद्दीन अंसारी,मोहम्मद हसनैन अंसारी एवं उसमान हलालख़ोर ने 22 सितंबर 2008 को राजस्थान होटल, फ्रेज़र रोड पटना में एक प्रेस कॉंफ्रेंस आयोजित कर किया।उसके बाद आईएमए हॉल गांधी मैदान पटना में महाज़ की कार्यकारणी समिति का एक सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें सलीम परवेज़ के झूठे वादों और सब्ज़ बाग़ के फरेब में आकर उन्हें महाज़ का अध्यक्ष बना दिया गाया।जिन लोगोें ने उन्हें पसमांदा मुस्लिम बिरादरियों का एक नुमाइंदा, सियासी रहनुमा बनाने में अहम भूमिका अदा की उनमें उपरोक्त लोगों के अलावा अब्दुस्सत्तार अंसारी,नबी रसूल राईन,प्रोफेसर अब्दुल वाहिद अंसारी,मुमताज़ अंसारी,हेसामुद्दीन अंसारी,मोहम्मद फोज़ैल अंसारी, नसीम कमाल अंसारी और डॉक्टर नूर हसन आजाद आदि लोग शामिल हैं। उसके बाद 8 नवंबर 2008 को सलीम परवेज़ कि नेतृत्व में श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल गांधी मैदान पटना में महाज़ का एक बहुत ही सफल सम्मेलन आयोजित किया गया।इसकी सफलता से प्रेरित होकर अप्रैल 2009 के संसदीय चुनाव में बसपा ने उन्हें छपरा से टिकट दे दिया।महाज़ के लोगों ने बड़ी ही मेहनत कर उन्हें चुनाव लड़ाया और यह लगभग 45 हज़ार मत लाने में भी कामयाब हो गए और यही मत पूर्व मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद यादव की हार का कारण बना। इसके बाद जनता दल यू ने जुलाई 2009 में बिहार विधान परिषद के लिए होने वाले चुनाव के अवसर पर स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र सेे सलीम परवेज को टिकट देदिया और वह जीत कर एमएलसी बने तथा बाद में उपसभापति भी बना दिए गए।मगर एमएलसी बनने के बाद सलीम परवेज ने भी तोते जैसी आंख दिखाई और न केवल पिछड़े समुदाय को भूल गए बल्कि महाज़ केे लोगों से भी आंखें फेरनी शुरू करदीं।उन्होंनें वादे तो यह किए थे कि महाज़ का सारा ख़र्च बर्दाश्त करेंगे।छपरा उनका घर एवं सपना अपार्टमेंट मखनिया कुआं पटना स्थित उनका फ्लैट महाज़ के कार्यालय होंगे।कार्यालय के लिए एक गाड़ी का प्रबंध करेंगे।महाज़ के बैंक अकाउंट में दस लाख रूपये जमा करेंगे।हेलीकॉप्टर से पूरे बिहार का दौरा करेंगे।गांधी मैदान पटना में महाज़ की जानिब से एक रैली करेंगे। मगर वह वादे पूरे नहीं किए बल्कि बताया तो यह जाता है की श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल वाले सम्मेलन के लिए आने वाले वाहनों के किराये के लगभग 60 हजार रुपये का आज तक भुगतान नहीं किया जो महाज़ के कार्यकर्ताओं को अपनी जेब से चुकाना पड़ा।अलबत्ता एक गाड़ी की व्यवस्था उन्होंने ने ज़रूर की और उस पर ऑल इंडिया पसमांदा महाज़ लिखवाकर बड़े ही ख़ास अंदाज़ में तस्वीरें उतरवाईं और खबरें छपवाईं। लेकिन पहले तो उसमें आने वाले ख़र्च से हाथ खींच लिए और उसके बाद वह गाड़ी अपने पास ही रख ली।एक एमएलए फ़्लैट जो इनके नाम पर अलॉट था और उसे तत्कालीन विधायक श्री मंटू सिंह को दे रखा था जिसमें दो वर्ष तक उनके गार्ड और अन्य कर्मचारी रहा करते थे।उसके बाद वह फ्लैट महाज़ को दिया जिसमें किसी तरह साल भर वहां महाज़ का दफ्तर चलाया गया।उसका बिजली का बिल लगभग 35 हजार रुपये का आया तो उसके भुगतान के लिए महाज़ के लागों को मजबूर करने की कोशिश करने लगे।जबकि महाज़ का कार्यालय वहां जितने समय चला उसका बिल लगभग 4 हजार रुपये का ही बनता था।जब महाज़ के लोगों ने उनकी इन हरकतों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई तो उन लोगों को द्वेष के साथ नीचा दिखाने और अपमानित करने की कोशिश करने लगे।इसलिए महाज़ के लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया।यह बातें मारूफ खतीब और जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता एवं अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जनता दल यू के निवर्तमान सचिव क़ारी मोहम्मद जावेद अख़्तर फ़ैज़ी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।उन्हों ने आगे कहा कि ऐसी खबरें आ रही हैं कि सलीम परवेज ने जाने-माने पत्रकार और सामाजिक,राजनीतिक कार्यकर्ता मोहम्मद आरिफ अंसारी के साथ भी ऐसी ही घिनौनी हरकतें शुरू करदी हैं।जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है।पहले तो उन्हें अपनी चिकनी,चुपड़ी बातों और झूठे वादों का सहारा लेकर अपने क़रीब कर उनकेे कौशल और प्रतिभा का पूरा उपयोग किया और अब काम पूरा हो जाने के बाद अब उनके साथ भी वही कर रहे हैं जैसा उन्होंने हमारे साथ किया था। 25 हजार रुपये महीना वेतन देने का झांसा देकर अपने पास बुलाया और 9 माह में केवल 28 हजार रुपये ही दिए।जब उन्होंने अपनी पूरी रकम देने की मांग की तो उन्हें भी गाली गलौज़ एवं धमकाया जा रहा है।जो पूरी तरह एक आपराधिक मामला बनता है।माननीय मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार एवं जदयू के शीर्ष नेतृत्व को चाहिए कि सलीम परवेज की इन हरकतों का तुरंत संज्ञान लेकर उन्हें तत्काल बर्खास्त कर दें अन्यथा यह पार्टी के हित में अच्छा नहीं होगा और आम जनता के बीच नकारात्मक संदेश जा रहा है।
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