October 18, 2024

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प्रातःकालीन मॉग को ले अधिवक्ताअने अदालती कार्य का किया बहिष्कार।

Ben News 24 Live

-मॉग नही माने जाने पर आगे की रणनीति होगी तय।

नवादा- व्यवहार न्यायालय का कार्य अवधि प्रातःकालीन किये जाने की मॉग को लेकर अधिवक्तागण गुरूवार को न्यायालय कार्य से अलग रहे। इस कारण न्यायालय का कार्य बाधित रहा। वहीं जिला के विभिन्न क्षेत्रों से आये पक्षकारगण को वापस जाना पड़ा। जिला अधिवक्ता संघ एवं अनुमंडलीय एडवोकेट एसोषियषन के संयुक्त तत्वाधान में अधिवक्तागण व्यवहार न्यायालय भवन के मुख्य द्वार पर धरना भी दिया तथा प्रातःकालीन कार्य अवधि किये जाने की मॉग को लेकर नारेबाजी भी किया। धरना पर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अरूण कुमार सिन्हा, महासचिव संतषरण शर्मा व एडवोकेट एसोषियषन के महासचिव निरंजन कुमार सिहं के नेतृत्व में अधिवक्तागण एक दिवसीय सांकेतिक धरना पर बैठे थे। जानकारी देते हुए दोनो संघ के महासचिव ने कहा कि पूर्व से यह व्यवस्था चली आ रही थी कि माह अप्रैल से माह जून तक न्यायालय की कार्य अवधि प्रातःकालीन होता था। उक्त अवधि के दौरान अधिवक्तागण लगभग 12 बजे तक अपने-अपने घर चले जाते थे। इसकारण गर्मी का एहसास कम होता था। लेकिन इस साल प्रातःकालीन कार्य अवधि नही किये जाने से अधिवक्ताओं को भीषण गर्मी, लू व गर्म हवा का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बुजुर्ग अधिवक्ता कार्य करने से कतरा रहे हैं। वहीे अन्य अधिवक्ता विवष होकर कार्य करने को मजबूर हैं। अधिवक्तागण बैठने की समस्या से भी जूझ रहे हैं। मॉग नही पूरा होने पर आगे की रणनीति तय की जायेगी।

नही है बैठने की व्यवस्था

नवादा- अधिवक्ताओं को बैठने की नही है व्यवस्था। बाबजूद भीषण गर्मी में भी खुले स्थान पर प्लास्टिक के तम्बू के नीचे बैठ कर अदालती कार्य में सहयोग कर रहे हैं। दोपहर में हाल ऐसा हो जाता है कि अधिवक्तागण या तो अदालती कार्य करने से कतराते हैं अथवा अपने-अपने घर जाने को विवष हो जाते हैं। वर्तमान समय में नवादा का तापमान 43 डीग्री संल्सियस है। इस तापमान में तम्बू के नीचे बैठ कर काम करना एक कठोर तपस्या के समान है। व्यवहार न्यायालय का कार्य अवधि प्रातःकालीन नही किये जाने के कारण उपभोक्ता आयोग, राजस्व अथवा कार्यपालक पदाधिकारी का न्यायालय अवधि नही बदला गया है। इन न्यायालयों में कार्य करने वाले अधिवक्ताओं को बीच दोपहर में ही जाना उनकी विवष्ता है। जो अधिवक्तओं के सेहत के लिये सही नही है।

अदालत परिसर में पसरा रहा सन्नाटा

नवादा- अधिवक्ताओं के एक दिन का संकेतिक हड़ताल के कारण न्यायालय परिसर में सन्नाटा पसरा रहा। व्यवहार न्यायालय के भवन में भी एके-दूके लोग ही नजर आये। जबकि सभी न्यायिक पदाधिकारी अपने-अपने न्यायालय कक्ष में बैठे दिखे। लेकिन अधिवक्ताओं के बिना अदालती कार्य की प्रगति बाधित रहा। कुछ अधिवक्ता अपने स्थान पर बैठे दिखें। अन्य अधिवक्तागण धरना स्थल पर थे। फिर भी आम दिनों की तरह गुरूवार को भी मंडल कारा से कैदी को व्यवहार न्यायालय भेजा गया।

पूर्व के जिला जज के आश्वासन पर वर्तमान भवन में अधिवक्ता शुरू किये था कार्य
-पीछले 23 वर्षों में भी नही मिला भूमि

नवादा- व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता किषोर कुमार सिन्हा ने काफी दुखद भाव से कहा कि 23 सितम्बर 2000 को व्यवहार न्यायालय भवन का उद्घाटना हुआ था। उस समय श्यामदेव सिहं जिला एवं सत्र न्यायाधीश थे तथा जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शहंषाह वख्त व महासचिव अरूण कुमार सिन्हा थे। भवन उद्घाटना के समय अधिवक्ता संघ बैठने के लिये जगह की मॉग को ले नवनिर्मित भवन में कार्य करने से इंकार गये थे। लेकिन तत्कालिन जिला एवं सत्ऱ न्यायाधीष श्यामदेव सिहं ने अधिवक्ताओं के बैठने के लिये भूमि मुहैया कराने का आवष्वासन दिया था और इसी आष्वासन के आधार पर अधिवक्तागण नवनिर्मित भवन में काये करने को तैयार हुए। उक्त अष्वासन के एवज में जिला जज ने अधिवक्ताओं को भूमि उपलब्ध तो नही कराया। लेकिन अधिवक्ताओं को बैठने के लिये तत्काल दो छोटा कमरा व एक हॉल दिया गया। जो जरूरत के अनुसार कॉफी कम था। वस्तुतः आज अधिवक्तागण अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।

क्या कहते हैं अधिवक्ता-

प्रातःकालीन कार्य अवधि नही किया जाना अधिवक्ताओं के लिये काफी दुखद बात है। नवादा में इस साल भीषण गर्मी पड़ रही है। बीच दोपहर में तापमान लगभग 43 डीग्री सेल्सियस रहता है। ऐसे में अधिवक्तों के द्वारा काम करना एक जोखिम भरा कार्य है।
उजमा नसीम, अधिवक्ता अंग्रेज के समय से ही गर्म स्थानों के व्यवहार न्यायालयों का कार्य अवधि तीन माह के लिये प्रातःकालीन किया जाता रहा। लेकिन इस साल कार्य आविध प्रातःकालीन नही किया जाना अधिवक्ताओं के लिये काफी दुखद है।