September 16, 2024

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शिवरात्रि लेकर इंद्रदमनेश्वर मंदिर की तैयारी पूर्ण, शिवरात्रि में लाखो श्रदालुओ की भीड़, जिला पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट

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लखीसराय जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर और लखीसराय रेलवे स्टेशन से चार किलोमीटर दुर अशोक धाम मंदिर है जिसे अब लोग देवधर के छोटा देवघर मंदिर भी कहते है अब इस मंदिर का नाम इन्द्रदमनेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। ज्ञात हो कि इस मंदिर का इतिहास राजा पालवंश और मुगलसामा्रज्य के कई गथियों से भी जुड़ा है।

इस मंदिर का निर्माण सन 7 अप्रैल 1977 में चैकी ग्राम निवासी अशोक यादव नामक एक व्यक्ति अपने साथियों के साथ सतघरवा खेल के दौरान एक बील की मिट्टी के अंदर गुल्ली चले जाने के कारण उसकी खुदाई के दरम्यान भगवान शिव का अद्रभूत मुर्तिया आकार शिवलिंग मिला था। जिसके बाद ही हर घर घरं में इसकी चर्चा दुर तक होने लगी। लोग इसकी पूजा अर्चना करने लगे हजारो हजार की संख्या में भारी संख्या में लोग श्रद्धालूओं की भीड़ लगने लगी। कुछ दिनों के पश्चात उक्त स्थान पर एक फुस की झोपड़ी की मंदिर का निर्माण कराया गया ।

कई वर्षो बीत जाने के बाद इस मंदिर का नाम ही अशोक धाम रख दिया गया है। धीरे धीरे वैज्ञानिक अनुसंधान होने लगी हाकिर शिवलिंग कहां और कैसे होने की पता चला कि राजा पालवंश की नगरी मुगलसामा्रज्य के समय हुआ करता था जहां महारानियों का वास हुआ करता था और इसकी लंबी श्रोत्र का भी पता चला जहां आज भी कई मुर्तिया लाल पहाड़ी और काली पहाड़ी में रखी हुई यही नही पटना के सग्राहलय के म्यूजियम मे भी रखा गया है ।

इसी शिवलिंग की पूजा रानीयां करती थी। इसलिए इस मंदिर का नामकरण श्री इन्ददमनेश्वर मंदिर रखा गया है।
मंदिर के निर्माण कार्य को लेकर चैकी ग्राम निवासी प्रेमी स्व. नुनूलाल सिंह के द्धारा 95 डिसमिल की जमीन दी गई। 1993 में मंदिर का जीणोद्धार की नीम डाली गई तब से आजतक में मंदिर के अंदर कई मुर्तिया स्थापित की गई मंदिर का निर्माण किया गया है।

जहां आज पुरे बिहार , कलकता और दिल्ली सहित दुर दराज से लोग आते है दर्शन मात्र से ही विभोर हो जाते है। कल शिवरात्रि का दिन है जिसको लेकर पुरी तैयारी की जा रही है मंदिर की सजावट से लेकर रंग पेंट भी किया जा रहा है। लाखो श्रदालुओं का भीड़ एकत्रित होता है।


1…वाईट-.इस मंदिर के नीम डालने वाले और शिवलिंग को जमीन से निकालने वाले बाबा अशोक जीवित है इनका कहना है कि सन 7 अप्रैल 1977 में हमलोग जब खेल रहे थे तभी गुल्ली निकालने के दरम्यान शिव का शिवलिंग मिला लोगो के द्धारा पूजा अर्चना किया गया है आज मंदिर के निर्माण होने से दूर दराज से लोग आते है और मनते मांगते है।
2…वाईटः-भक्तजन पीके गुप्ता का कहना है कि पालवंश राजा के समय साक्ष्य साक्ष्य राजा इद्रदमेनश्वर का मंदिर था जो कलान्तमक में लुप्त हो गया था। खेल खेल में फिर से इसको जागरिक्त कर दिया था आज के समय में पुरे बिहार की धरोहर है इसको हम प्रणाम करते है।


3…वाईट-मंदिर के मैनेजर अनिल कुमार ने बताया कि कल के बाद भगवान शिव का शिवरात्रि है इसको लेकर पुरी मंदिर के प्रशासन और जिला प्रशासन के द्धारा हर विधि व्यवस्था को सफल बनाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि किसी प्रकार का विधि व्यवस्था में व्यवधान नही हो। शिवरात्रि को लेकर सफाई, रंग पेंट किया जा रहा है।

  1. वाईट… बाहरी भक्तजन कुश्वेश्वर निवासी .सतीश कुमार खेतान ने बताया कि अशोक धाम मंदिर का नाम काफी सुने थे जिसके दर्शन करने से ही धन्य हो गया है लोगों से सुना थाा उससे ज्यादा दिखा लोगों का मानना है जो भी भक्त अपनी मनते मांगते है उनकी मनते पुरी होती है। हमलोग देवघर से पूजा अर्चना कर यहां पहॅुचे हम भी आये है।
    5…वाईट-मधुबनी निवासी ने बताया कि बाबा वासकीनाथ और तारापीठ का दर्शन करने के बाद एक सप्ताह के बाद पुरे परिवार के साथ अशोक धाम आएं जहां पूजा अर्चना किया है।
  2. वाईट-मधुबनी निवासी मुकुन कुमार लाढिया ने बताया कि तारापीठ और देवधर के बाद पुरे परिवार के साथ हमलोग बाबा अशोकधाम की नगरी पहॅुचे बाबा की शिवलिंग को देखा काफी सुन्दर और आर्कषण है हमने भी मनते मांगी है।
  3. वाईट- एसपी लखीसराय पंकज कुमार ने बताया कि शिवरात्रि के अवसर पर डेढ़ दर्जन स्थान चिंिहत किया गया है लोकेशन वाय रूठ को व्यवस्था किया गया है कई थाने के थाना अध्यक्ष को भी लगाया गया हैं मंदिर के प्रांगण और ईदगिर्द सीसीटी कैमरा भी निगरानी रखी जाएगी। सब मिलाकर कहा जाय कि विधि व्यवस्था को दुरस्थ करने का प्रबंघ किया गया है शिवरात्रि के दिन मंदिर के प्रांगण से निकलने वाली शिव की बाराती को लेकर मंदिर से विधापीठ और विधापीठ से जमूई मोर होते हुए वायपास होकर अशोक धाम पहॅुचेगी इसके लिए पुलिस बल की भारी मात्रा में व्यवस्था कि गई है।