November 22, 2024

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आदिवासियों क्षेत्रों में नही पहॅुचती है सरकारी योजना का लाभ, आज भी विकास से है वंचित, सुधि लेने के लिए अधिकारी भी नहीं पहॅुचते।

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लखीसराय जिले से करीबन तीस किलोमीटर दुर घने जंगल में बिहार सरकार की सुविधा मिलने वाले जनहित के कार्य नहीं पहॅुच रहे है। जिससे आदिवासी इलाके में रहने वाले कार्य काफी प्रभावित हो रहे है। आपको बता दे कि लखीसराय जिले में सरकार की योजना एक मारांडा योजना नहीं लागू है जिसमें आदिवासी इलाकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य और विस्तार का सिस्टम बना हुआ है। वही पास के जमूई इलाके में यह योजना लागू है।

इस संबध में जब अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने इस संबध मे कुछ भी बताने से साफ इंकार किया है। जबकि इस गांव में बिजली पहॅुची है। सड़के नहींए शिक्षा नहीं । यहां के छात्र छात्रा पांच किलोमीटर दुर हर दिन पैदल चलकर पढ़ने के लिए मननपुर सटे स्कूलों में पढ़ाई के लिए जाते है। यहां के बच्चों ने साफ कहां कि सरकारी सुविधा भी नहीं मिल पाता है जबकि सरकार हर बच्चों के आठवीं क्लास को साईकिल देती है। यहां के छोटे बच्चे की पढ़ाई तो एकदम सी नहीं होती है। यह बात उसवक्त सामने आया जब बच्चे 32 वीं बटालियन एसएसबी जवान के द्धारा मिली राहत की सुविधा प्रदान करने के लिए आदिवासियों के इलाके के महजनवा , जगुआजोर सहित विभिन्न इलाके के गांव में पहुॅचे ।

बच्चे को पढ़ाई करने वाले स्लेट और पेसिंल का वितरण हुआ लोग बच्चे पढ़ने के लिए उत्साहित दिखे जहां यह दृश्य देखते ही आॅख भर आई। यहां के गार्जियन लोग भी इस इस बात को स्वीकार किया है पढ़ाई के लिए काफी बच्चों को दिक्कत होती है। यहां के लोगों का मुल समस्या बेरोजगारी है जहां लोग लकड़ी और पत्तल दुर दुर तक बेचने के बाद ही दो वक्त की रोटी खाते है। यहां के लोगो को बेवजह नक्सलियों का भी सामना करना पड़ता है जिसके सर्च आॅपरेशन में लोगों को पुलिस पकड़कर लेकर चली जाती है। जिससे भी समस्या इन लोगों के बीच खड़ी हो जाती है। समय रहते हुए इन आदिवासियों के इलाके में सड़के, पढ़ाई की व्यवस्थाए जल की व्यवस्थाए बेरोजगारी दुर नहीं हो जाती है तो इनके लिए परेशानी है समस्या दूर होती है तो इनका आंधे से अधिक आदिवासियों की समस्या खत्म हो जाती है। अभी जो वर्तमान में जहां सुविधा नहीं पहॅुची है उनमें से दर्जनों गांव है जिसमें महजनवा, कोड़ासी, कछुआ, सिमरातरी, उरेन, हनुमानथान सहित कई अन्य गांव शामिल है। जबकि इस संबध में आदिवासियों इलाके के रहने वाले भरसन कोड़ा ने बताया कि इन इलाकों में कोई अधिकारी या नेता किसी से बात तो दुर आते तक नही है इसके कारण यहां की हर समस्या अधुरा पड़ा है। लोग अधमरा की जिंदगी जी रहे है विकास योजना धरातल पर नही है बेरोजगारी का आलम भी कुछ ठीक नहीं है। जिसके कारण परेशानी होती है। वही महिलाओं ने भी खुब सरकार की अलोचना करते हुए अपना दुख का चर्चा परिचर्चा किया है।