नववर्ष के आते ही लखीसराय के लोग भारी सख्ंया में चिंहित प्रसिद्ध जगहों में सिंगरी ऋषि धाम, अशोक धाम और जलल्पा स्थान पहॅुचकर पूजा की तो किसी ने पहाड़ पर जाकर पिकनिक मनाई।
बिहार के लखीसराय में रात्रि से लेकर सुबह समाचार लिखने तक लोग एक दुसरे को हैप्पी न्यूईयर बोले तो कोई हिंदी भाषाओं में बधाई नये साल की दी , कई लोगो ने लखीसराय के प्रसिद्ध नगरी सिंगरी ऋषि धाम, जलप्पा स्थान, अशोक धाम पहॅुचकर पूजा की कई लोग तो लखीसराय के हर साल की भांति लाल पहाड़ी और काली पहाड़ी पर जाकर पुरे परिवार के साथ पिकनिक मनाएं ।
इसी कड़ी में कुछ तस्वीर पिकनिक और धामों के साथ नववर्ष की बधाई आपके और आपके परिवार को लोग दे रहे है। आपको बता दे कि सिंगरी ऋषि धाम राजा दशरथ के चार पुत्रों का मुंडन हुआ था तब से आज तक लोग विशेष कर पहॅुचते है पूजा से पहले मौजूदा जल कुंडली में स्नान करते है यह धाम चानन प्रखंड के बिचले हिस्से के घने जंगल में स्थित है जिसे देखने को लेकर भारी सख्ंया में लोग पहॅुचते है
इसी रास्ते से पूर्व जलप्पा स्थान है जहां मॉ भगवती जलप्पा की पूजा करते है यह भी राजाओं और प्राचीन काल के समय से ही लोग पूजा करते है इसकी भी मानयता काफी है जिसके दर्शन मात्र से ही लोगों की मनयते पुरी होती है।
लखीसराय रेलवे स्टेशन से तीन किलोमीटर दुर अशोक धाम है जिसे लोग इन्द्रदमनेश्वर मंदिर के नाम से जानते है इनकी भी अलग पहचान है राजाओं और मुगल सामा्रज्य के समय ही अशोक नामक एक व्यक्ति के द्धारा गुली डंटे खेलने के समय खेल खेल में एक गढ़े मे गुल्ली चली गई जिसकी खुदाई निकालने के समय बाबा शिव श्ंाकर की शिवलिंग प्राप्त हुई तब से अबतक इस जगह पर कई विशाल कई मुर्तिया स्थापित किया गया है इस चमत्कारी के बाद ही लोग दुर दराज से शिवलिंग की पूजा को लेकर आते है जहां पर लोग अपने परिवार और लंबी आयु की कामना करते है। लाल पहाड़ी में भी प्राचीन मुगल सामा्रज्य और राजा पाल वंश की नगरी रहने के कारण यह भी कई धरोहर स्थापित निकली है इसकी खुदाई भी हुई तो कई आभुषण मुर्तिया किमती मुर्तिया मिली है इतिहास के पन्ने पर भी इसकी अलग पहचान है जिसे लोग देखने के लिए पहॅुचते है। यही नही पुरे परिवार के साथ लोग पिकनिक भी मनाते लोग अपने धरो ंसे सामग्री लाकर खुब आंनद उठाते है। सभी जगहो पर नववर्ष अच्छे से बीते इसके लिए एक दुसरे को बधाई देते है।
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