September 19, 2024

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हर्ष उल्लास के साथ अल्पसंख्यक समुदाय के लोग ईद मनाए

Ben News 24 Live

नवादा में आज हर्ष उल्लास के साथ अल्पसंख्यक समुदाय के लोग ईद मनाए कहा जाता है कि ईद क्यों मनाई जाती है मान्यता है कि मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद उल फितर का उत्सव शुरू हुआ माना जाता है कि पैगंबर हजरत मोहम्मद ने भद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी इस जीत की खुशी में सबका मुंह मीठा करवाया गया था इसी दिन को मीठी ईद या ईद उल फितर रूप में मनाया जाता है आज पूरी दुनिया में अलग-अलग तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं जिसमें से एक त्यौहार बकरीद भी है इस अवसर पर बाजारों में भीड़ और रौनक होती है लेकिन इस बार करो ना वायरस की वजह से भीड़ कम देखने को मिली है साथ ही 50 फ़ीसदी क्षमता के साथ त्योहारों को बनाया जाने वाला है आप सभी को पता होगा कि ईद किस दिन मनाई जाती है लेकिन आज हम आपको ही इतिहास और महत्वपूर्ण भी बताने जा रहे हैं हजरत इब्राहिम को अल्लाह का बंदा माना जाता है जिनकी बाद पैगंबर के तौर पर की जाती है इन्हें इस्लाम बनाने वाले अल्लाह का दर्जा दिया जाता है एक बार खुदा ने हजरत मोहम्मद साहब का इम्तिहान लेने के लिए आदेश दिया कि हजरत अपनी सबसे अजीज की कुर्बानी देंगे तभी से खुश होकर हजरत मोहम्मद साहब का सबसे खास बेटा था वह बेटे की कुर्बानी देने के लिए तैयार हो गए जब कुर्बानी का समय आया तो हजरत इब्राहिम ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली और अपने बेटे की कुर्बानी दी लेकिन जब आंखों पर से पट्टी हटाई तो बेटा सुरक्षित था अहम बात यह है कि इब्राहिम के अजीज बकरे की कुर्बानी अल्लाह ने कबूल की अल्लाह ने खुश होकर बच्चे की जान बख्श दी तब से बकरीद की परंपरा शुरू हो गई रमजान के पाक महीने में रोजे रखने के बाद अल्लाह एक दिन अपने बंदों को बख्शीश और इनाम देता है इसलिए इस दिन को ईद कहते हैं बख्शीश और इनाम के इस दिन को ईद उल फितर भी कहा जाता है पैगंबर मोहम्मद ने 924 ईसवी में जंग-ए-बदर के बाद हुई थी पैगंबर हजरत मोहम्मद ने बंद के युद्ध में जीत हासिल की ईद की खुशी में ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की नमाज अदा होने लगी इसके बाद से दान या जगा दिया जाने लगा। नवादा के मोहम्मद नोमान अख्तर जमाली ईदगाह के इमाम ने बताया कि ईद उल फितर मनाने का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मुस्लिम समुदाय के लोग मनाते हैं लेकिन मोहम्मद जमाल इमाम ने बताया कि जिस तरह से ईद हम लोग मनाते हैं उस तरह से हर एक समुदाय के लोग जैसे में हिंदू मुस्लिम सिख और ईसाई त्यौहार मनाते हैं भाई चारे के साथ वह मनाएं और वह खुशी-खुशी अपने त्यौहार को मनाएं इसमें कोई किसी का कुछ नहीं बिगड़ता है मोहम्मद अख्तर जमाली ने कहा कि ईद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह से गुजारिश करता है कि वह जितने भी पाप किए हो वह सारे पाप धुल जाए और अल्लाह इसका कबूल नामा भी करता है उन्होंने प्यार मोहब्बत का पैगाम भी दिया हिंदू मुस्लिम सिख और ईसाई भी अपने अपने त्यौहार को भाईचारे के साथ और खुशी के साथ मोहब्बत के साथ मनाएं इस मौके पर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सुस्त दिखाई दिए जगह जगह पुलिस प्रशासन की मौजूदगी दिखाई दी।