November 21, 2024

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शहीद नीरज सिंह के याद में फुट फुट रो पड़ती पत्नी

Ben News 24 Live


शहीद सिंगारपुर निवासी नीरज सिंह कारगिल युद्व में 12 जुलाई को शहीद हुए थे आज भी इनके बालिदान को गांव के लोग याद करते है।
लखीसराय जिला से 30 किलोमीटर दुर सूर्यगढा प्रखंड के सिंगारपुर गांव में जन्मे वीरगति शहीद नीरज कुमार सिंह की दास्तान को जितना भी याद किया जाय वह कम होगा। इनके वीर गति प्राप्त के बाद इनकी धर्मपत्नी रूबी देवी और इनकी एकलौती पुत्री देश के नाम कुर्बान दास्तान को भुला नही पाई है आज भी मौजूदा सरकार से अपने सवालो का जबाब मांग रही है। ज्ञात हो कि शहीद नीरज सिंह 12 जुलाई को शहीद हुुए थे। ये बटालियन सेक्टर 22 ग्रेनिडियर्स के नंबर 265626 के 5 वीं नायक लिपिक के पद तैनात थे। ये कारगिल युद्व के दौरान नीरज हथियार व गोली बारूद्व पहॅुचाने का जिम्मा रणभुमि में मिला था। इसी दरम्यान लौटने क्रम में दुश्मनों के द्वारा छोडे तोप के गोले से वीरगति को प्राप्त हुए। इनके शहीद की खबर सुनते ही पुरा सिंगारपुर और लखीसराय जिला के लोग एक टुक होकर इनके पार्थिक शरीर के आने और एक दर्शन के लिए काफी संख्या में भीड़ एकत्रित हुआ था। 26 जुलाई सन 2020 से शहीद नीरज सिंह के याद में विजय दिवस पूरे शौर्य के साथ आज भी मनाया जाता है। इनके निधन पर सरकार ने इनके परिवार के पोषण और एकलौता परिवार में रहने वाली धर्मपत्नी रूबी देवी को सिंगारपुर गांव में ही उत्क्रमित मध्य विघालय में सहायक शिक्षिका की नौकरी नीतीश कुमार की सरकार में मिली दी गई थी। इसके अलावे नीरज के नाम पर भवन निर्माण और स्कूल निर्मित नाम को हटाकर शहीद नीरज रखने का आदेश आज भी अधुरा पड़ा है। शहीद नीरज सिंह के नाम से किउल स्टेशन और जमालपुर रेलवे स्टेशन के बीच शहीद नीरज हॉल्ट बनाया गया है। जो कि रामपुर हॉल्ट के निकट आज भी है।


……शहीद नीरज की धर्मपत्नी रूबी देवी ने कहा कि आज भी सरकार की अन्य घोषणा को पूरा नहीं किया गया है सिर्फ जिला प्रशासन सरकारी कार्यक्रम या फिर राष्टीय दिवस के मौके पर अक्सरा स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को याद कर किसी एक व्यक्ति को सम्मानित करने का काम करती है। लेकिन देश के हित में कारगिल विजेता के स्वजनों को कभी खोज नही करती है। इनके शहीद के बाद कभी किसी मौके पर याद नहीं किया और न ही कभी गंाव पर आकर कोई कार्यक्रम किया है।