राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली , बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार पटना जिला विधिक सेवा प्राधिकार लखीसराय के प्रभारी सचिव अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय श्रीराम झा के निर्देशानुसार मंडल कारा लखीसराय में नालसा( मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मंडल कारा के उपाधीक्षक सह जेलर अरुण कुमार सिन्हा एवं संचालन प्राधिकार के जेल निरीक्षण अधिवक्ता बास्की नंदन सिंह ने किया। प्राधिकार के रिटेनर अधिवक्ता शीतेष सुधांशु ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 12 के तहत वह व्यक्ति जिन्हें अशक्त व्यक्तियों( समान अवसर अधिकारों की रक्षा और पूर्ण सहभागिता) अधिनियम 1995 के तहत परिभाषित किया गया है और जिन्हें मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 1987 की धारा 2 के खंड(Q) के अर्थ में मनोचिकित्सक अस्पताल अथवा मनोचिकित्सक नर्सिंग होम में रखा गया है
निशुल्क विधिक सेवाओं के हकदार है इसलिए नालसा ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 4(b) के अंतर्गत सशक्त अपने अधिकार से मानसिक रोगी और मानसिक अशक्त ता ग्रस्त व्यक्तियों को प्रभावशाली विधिक सेवाएं प्रदान करने के लिए नालसा( मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 बनाई गई है इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मानसिक रूप से अस्वस्थ अथवा मानसिक अशक्त ता ग्रस्त व्यक्ति कलंकित लोग नहीं है और उनके साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए जैसा किसी अन्य सामान्य व्यक्ति से जिसे उसके हक के सभी अधिकारों को परिवृत्त करने में सहायता मिलती है और जैसा कि उन्हें विधि द्वारा आश्वासित किया गया है अर्थात मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को भी समाज में प्रतिष्ठा के साथ जीने का हक और अधिकार संविधान द्वारा प्राप्त है । जेल निरीक्षण अधिवक्ता बासुकी नंदन सिंह ने कहा कि मानसिक बीमारी साध्य है एवं मानसिक अशक्त ता ग्रस्त व्यक्ति मानसिक बीमार व्यक्ति नहीं है मानसिक रूप से बीमार हो मानसिक अशक्त ता से ग्रस्त व्यक्ति सभी मानवीय अधिकार और मौलिक स्वतंत्रता के हकदार हैं भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 से उत्पन्न उपचार एवं उचित स्वास्थ्य की देखभाल का अधिकार सभी मानसिक बीमार व्यक्तियों पर समान रूप से लागू होता है । महिला जेल निरीक्षक अधिवक्ता मोनिका साहनी ने कहा कि मानसिक आसक्त से ग्रस्त व्यक्तियों में खास तौर पर महिलाएं ऐसे अति संवेदनशील समूह जिन का शोषण संभवत अधिक होता है इसलिए विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मानसिक अशक्त ता ग्रस्त महिलाओं को उनके यौन उत्पीड़न सहित शोषण की रोकथाम करने में सहायता की जाती है और दुर्व्यवहार करने वाले एवं शोषण करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जाती है। शिविर को जेलर अरुण कुमार सिन्हा पीएलबी बटोही यादव ने भी संबोधित किया शिविर में कार आधीन पीएलबी जय प्रकाश सिंह समेत सैकड़ों कैदी उपस्थित थे जिन्होंने जागरूकता शिविर में उपस्थित होकर लाभ उठाया।
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