September 19, 2024

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महागठबंधन के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए माले महासचिव पटना पहुंचे

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दमनकारी बुलडोजर राज के खिलाफ 74 आंदोलन जैसा बड़ा आंदोलन वक्त की मांग

माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य अपने पांच दिवसीय बिहार दौरे पर आज पटना पहुंए गए हैं. कल 5 जून को वे महागठबंधन द्वारा संपूर्ण क्रांति दिवस पर आयोजित कार्यकर्ता कन्वेंशन में भाग लेंगे, जिसमें चैथे टर्म का डेढ़ साल का समय पूरा कर चुकी नीतीश सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा. 6 जून को वे 6 बार के विधायक रहे तथा बिहार के वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता काॅ. रामदेव वर्मा के निधन पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने समस्तीपुर जाएंगे. 8-9 जून 2022 तक पार्टी की पोलित ब्यूरो की बैठक पटना में आयोजित की गई है, जिस दौरान वे पटना में ही रहेंगे.

इस बीच, माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि 5 जून का कार्यक्रम बुलडोजर राज, महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ लोकतंत्र व आमजन की खुशहाली के लिए आगामी आंदोलनों की रूपरेखा तैयार करेगा. नीति आयोग की रिपोर्ट ने बिहार की स्थिति को बेनकाब कर दिया है. उसके मुताबिक प्रति व्यक्ति आय, षिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार सहित मानव विकास सूचकांक में राज्य की स्थिति बदतर बनी हुई है. बेरोजगारी, गरीबी, शिक्षा व स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, बिजली, कुकिंग, स्कूलों में छात्रों की भागीदारी, महिला सुरक्षा आदि सभी मानदंडों पर नीतीश जी के शासन में बिहार रसातल में चला गया है. बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार बिहार में 51.9 प्रतिषत जनसंख्या गरीब है. अफसरी लूट और संस्थागत भ्रष्टाचार नित्य नए रिकार्ड बना रहे हैं.

सरकार संरक्षित घोटालों की लंबी फेहरिस्त है. ट्रांसफर-पोस्टिंग व कुलपतियों की बहाली का खेल भ्रष्टाचार का एक नया जरिया बना हुआ है. राजधानी पटना से लेकर सुदूर ग्रामीण इलाकों में महादलितों-गरीबों की झोपड़ियों को मटियामेट कर देने के लिए इनका बुलडोजर मुंह बाए खड़ा है. माॅब लिंचिंग, अपराध का लगातार बढ़ता ग्राफ, दलितों-महिलाओं पर हिंसा, दलित-गरीबों की जमीन से बेदखली, जहरीली शराब के जरिए जनसंहार, ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों के जरिए युवा जीवन की तबाही, बेरोजगार युवकों की लगातार बढ़ती फौज, कमरतोड़ महंगाई, मजदूरों का पलायन, कृषि की तबाही, पर्यावरण का विनाश
समय की मांग है कि भाजपा-जदयू के जनविरोधी, दमनकारी बुलडोजर राज के खिलाफ 74 आंदोलन जैसा बड़ा आंदोलन फिर से खड़ा किया जाए. संपूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर हम सबों को इस संकल्प को दुहराने की जरूरत है.