पुलिस और पत्रकार के संबध को लेकर एडीजी प्रेसवार्ता
पटना बिहार के पुलिस मुख्यालय के प्रधान एडीजी जितेन्द्र सिंह गंगवार ने प्रेसवार्ता कर संवाददाताओं को बताया कि बिहार में अपराध का गा्रफ में काफी कमी आई लगातार पुलिस मुख्यालय से स्थानीय पुलिस मुख्यालय से जो सूचना मिलता रहा है इसके मजबुती को लेकर पुलिस मुख्यालय के द्धारा सूचना कंट्रोल रूम का व्यवस्था किया गया है वैसे वटसपृ ग्रुप के माध्यम से पुलिस के द्धारा पत्रकारों को सूचना दिया जाता रहा है लेकिन किसी पत्रकार बंधु को कोई भी सूचना हो या कठिनाई हो वह तुरंत कंटोल रूम को सूचना दे ताकि अभिलंब कार्रवाई हो सके यही नही आम जनता को भी वैसे हर मुख्यालय कार्यालय को 111/112 की वाहन गाड़ी कंटोल के लिया दिया गया है जिसमें तुरंत मौके पर पहॅुच गंभीर जांच करते हुए स्थानीय थाना को लोग देते है लेकिन हमलोगो से अधिक पत्रकार बंधु को सूचना होता है वैसे स्थिति में कंट्रोल रूम को फोन कर जानकारी दिया जा सकता है।
इसके अलावे एडीजी ने बताया कि किसी भी घटना की सत्यता जानने बिना कोई खबर या अफवाह लोग फेलाते है उनलोगों पर भी कार्रवाई हो सके हाल में सिवान मे बच्चों की चोरी की घटना की अफवाह फेला कर निर्दोष को पकड़ने के लिए किया गया है उसकी सत्यता जांच की गई तो मामला कुछ ओर आम पब्लिक उसे पकड़ने के लिए अफवाह फेलाया था जो गलत है वैसे हर पत्रकार बंधु को मुख्यालय में खोले गये सेंटर से जोड़ा जा रहा है जिससे अपराध और अपराधिक घटनाओ को कड़ी से व्यवस्था हो सके। पत्रकार सुरक्षा को लेकर भी कदम उठाये गये है। जिससे हर विधि व्यवस्था और अपराध कम करने के लिए कदम उठाया गया है ।बिहार में आपराधिक वारदातों में वृद्धि हो रही है. बिहार में होने वाली घटनाओं में सबसे अधिक घटना जमीन विवाद के कारण हो रहा है. लगभग 60 प्रतिशत घटना जमीन विवाद के कारण घटित हो रही है. पहले की तुलना में प्रति वर्ष लगभग एक लाख एफआईआर अधिक दर्ज हो रहा. मौजूदा वक्त में लगभग तीन लाख कांड अनुसंधान के बिना लंबित है, जिस वजह से अपराधियों का हौसला बुलंद होता जा रहा है.लंबित मामलों को लेकर होगी बैठक: जितेंद्र सिंह ने बताया कि इन टीम के द्वारा यह पता किया जाएगा कि आखिर किन कारणों से अनुसंधान में कठिनाइयां आती है. जिस वजह से समय पर अनुसंधान पूरा नहीं हो पाता है. अक्सर देखने को मिलता है कि कुर्की मिलने में दिक्कत, इंजरी रिपोर्ट मिलने में दिक्कत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने में दिक्कत के अलावे कई तरह की मुश्किल सामने आती हैं और इसे जल्द से जल्द कैसे निपटाया जाए. इन सभी विषयों पर हर पल हर दिन पर बैठक की जाएगी.प्रशासनिक सेवा के कई पद सृजित: बिहार में कहीं ना कहीं बढ़ती घटनाओं को देखते हुए स्टाफ अफसर के अलावा बिहार प्रशासनिक सेवा के अपर पुलिस अधीक्षक के नए पद भी सृजित हुए हैं. नए पदों में अरवल, बगहा, नवगछिया सीआईडी में तीन कमजोर वर्ग के अधीन तीन रेलवे पटना, मुजफ्फरपुर, कटिहार और जमालपुर में भी एएसपी का पद सृजित हुआ है. हालांकि, यह भी माना जा रहा है कि भारी संख्या में लंबित कांडों के अनुसंधान पुराना हो पाना पुलिसकर्मियों की कमी भी है. हालांकि पुलिस मुख्यालय इस पर कुछ भी खुलकर बोलने से परहेज कर रहा है.
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