लखीसराय और जमूई के घने जगंल सीमावंर्ती चौरमारा जंगल से हाई कमंान सक्रिय हार्डकोर नक्सली अर्जून कोड़ा के साथ कुल और चार नक्सलियों ने एसएसबी सर्च ऑपरेशन के दरम्यान हथियार के साथ आत्मसर्मपण किया है। जबकि सभी नक्सली जमूई के एसएसबी कैम्प में रखा गया है शाम चार बजे जमूई में पीसी की बात सामने आया है।
मिली जानकारी के अनुसार लखीसराय और जमूई के सीमंातर चौरमारा जंगल में दो दिनो ंसे लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था और जंगल में अपने कार्यकर्ता सिपाही से मिलने के लिए सभी नक्सली एकत्रित हुए थे इसी दरम्यान सुवह जब एसएसबी जवान की नजर नक्सलियों पर पड़ी तो लोग भागने लगे वही जब एसएसबी और लोकल सिपाहियों की नजर एक टोली में पड़ी जहां एक झोपड़ी में कुल पांच नक्सली एकत्रित बैठक कर रहे थे फायरिंग की भी खबर सामने आयी है। इसी दरम्यान अपनी जान बचाने को लेकर पूर्व में रहे हाई कमंाडर नक्सलीं प्रवेश दा के खास कमांडर अर्जून कोड़ा के साथ-साथ कुल और चार नक्सलियों को हाथियार के साथ हिरासत में लिया है। हालांकि बता दे कि जो लोग हिरासत में लिया है उसमें से अजॅून कोड़ा (बरमसिया निवासी), पोली कोड़ा (वरमसिया)निवासी, नागेश्वर कोड़ा ं(पेसरा जंगल मुगेर ) निवासी, वालेश्वर कोड़ा (वरमसिया कजरा जंगल निवासी) और बहादुर कोड़ा चौरमारा निवासी शािमल है जो एसएसबी जवानो के बीच आत्मसर्मपण किया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पोली कोड़ा मुगेंर , बहादुर कोड़ा लखीसराय सीमातंर के बोडर्र पर सूचना के काम करता और विधि व्यवस्था की खबर को नक्सलियों तक पहॅुचाता था। सक्रिय कमांडर के रूप में बालेश्वर कोड़ा और नागेश्वर कोड़ा नेवी वसूलने और विभिन्न घटनाओं में थाना में मामला दर्ज है जबकि इन सभी को दिशा-निदेश का काम अर्जुन कोड़ा किया करता था और यह जमूई, लखीसराय, मुगेंर, छतीस गढ़ और कई सीमातंर कई घटनाओं में शामिल है। हालांकि इस आत्मसर्मपण के बाद नक्सलियों की नींद उड़ गई है। क्यों कि अर्जून कोड़ा, वालेश्वर कोड़ा और नागेश्वर कोड़ा कि पकड़े जाने के बाद मुगेर, लखीसराय और जमूई के आतंक इन्ही नामो से हुआ करता था।
हालांकि बता दे कि इस बात की पृष्टि लखीसराय एसपी या नक्सल एसपी ने नहीं किया है।
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