-स्वास्थ्य विभाग की ओर से संस्थागत प्रसव कराने की दी जा रही है सलाह
-प्रसव कराने के लिए दाई या स्थानीय ग्रामीण चिकित्सकों पर ना रहें निर्भर
लखीसराय, 9 अगस्त । प्रसव एक प्राकृतिक प्रक्रिया होती है| चिकित्सकीय परामर्श इस प्रक्रिया को सरल बनाने में सहयोग प्रदान करता है लेकिन यदि प्रसव को समय पूर्व प्रेरित करने के लिए ऑक्सीटोसिन जैसे इंजेक्शन का प्रयोग किया जाए तब यह जन्म लेने वाले शिशु के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल सकता है| सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि गांवों में प्रसव कराने वाली दाई एवं स्थानीय ग्रामीण चिकित्सकों की सलाह पर प्रसूति को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन दिए जाने से जन्म लेने पर शिशु को दम घुटने की गंभीर समस्या हो सकती है| जिसे चिकित्सकीय भाषा में एस्फिक्सिया के नाम से जाना जाता है| एस्फिक्सिया के कारण बच्चे को गंभीर रूप से सांस लेने में तकलीफ़ होती है| इससे नवजात की मृत्यु तक हो सकती है|
More Stories
फरार वांरटी गिरफ्तार
मोटर साईकिल पर रखे 105 लीटर महुआ शराब बरामद
मुफ्त चिकित्सा शिविर में सैकड़ों लोगों का हुआ ईलाज